आंवला
सर्दी में भरपूर रूप से मिलने वाला फल आँवला स्वास्थ्य के लिए अत्यन्त ही महत्वपूर्ण है। यह नवम्बर से शूरु होकर फरवरी के अन्तिम दिनों तक आसानी से मिलता है। यह फल विटामिन ‘सी’ से समृद्ध फल है। यदि तुलनात्मक अध्ययन किया जाए तो आँवला में नीबू से 15 गुना व ग्रेप फ्रूटों से 20 गुना अधिक मात्रा में विटामिन ‘सी’ पाया जाता है।
विटामिन ‘सी’ अर्थात् (एस्कार्बिक एसिड) जो शरीर की कोशिकाओं पर नियन्त्रण रखता है और संक्रमण के प्रति प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। विटामिन ‘सी’ अन्य विटामिनों के क्षरण को रोकता है तथा यह शरीर के कैल्शियम के साथ सम्पर्क कर Bone Marrow को दुरुस्त करता है।
शरीर की सामान्य आवश्यकतायें :– विटामिन ‘सी’ 60mg, विटामिन ‘डी’ 400lq, लोहा 15mg आयोडीन 2mg, जिंक 12mg ताँबा 2mg पोटेशियम 1200lq.
आँवला में पाये जाने वाले तत्व :– विटामिन ‘सी’ 600mg विटामिन ‘डी’ 190lq लोहा 4.5mg आयोडीन 0mg जिंक 0.2mg ताँबा 55mg विटामिन ‘बी’ 57 Mg
आँवले में पाये जाने वाले तत्व हमेशा जीवित रहने वाले तत्व हैं। आँवले को किसी भी परिस्थिति में रखा जाए, यह अपने तत्वों को 40 प्रतिशत तक हमेशा सुरक्षित रखता है। विभिन्न रोगों में आँवले का उपयोग :–
कब्ज :–आँवला चूर्ण 10 ग्राम रात को सोने से पहले गुनगुने पानी से लें।
एसिडिटी :–आँवला रस 20 ग्राम दिन में 2 बार खाना खाने से पहले सेवन करें।
अल्सर :– आँवला रस 5 ग्राम दिन में तीन बार खाना खाने के बाद लें।
कैन्सर रोग :–आँवला चूर्ण 10 ग्राम रात को सोने से पहले व आँवला रस 10 ग्राम दिन में 4 बार ज्वारे के रस के साथ लें।
पीलिया :–आँवला रस 10 ग्राम गन्ने के रस के साथ दिन में तीन बार सेवन करें।
मूत्र रोग :–आँवला रस 5 ग्राम दिन में 4 बार खीरे के रस के साथ लें।
नेत्र रोग :–200 मिली़ आँवला पानी सुबह खाली पेट लें व आँखों पर छींटे दें।
मोटापा :–आँवला का गर्म पानी 200 मिली़ दिन में 4 बार तथा आँवला रस 10 मिग्रा़ दिन में 3 बार अनार के रस के साथ और आँवला चूर्ण 10 ग्राम रात को सोने से पहले लें।
नपुसंकता :–आँवला चूर्ण 10 ग्राम दोपहर में दूध के साथ। रात्रि को आँवला चूर्ण 5 ग्राम तावर चूर्ण के साथ सेवन करें।
कमजोरी :–आँवला रस 5 ग्राम़ + शहद के साथ दिन में 3 बार।
सुन्दरता :– आँवला रस 10 ग्राम शहद व पानी के साथ दिन में 2 बार।
मुहांसे :–आँवला चूर्ण 5 ग्राम संतरे/गाजर के रस के साथ दिन में 2 बार।
कामोद्विपकता :–आँवला रस 10 ग्राम सुबह किसी भी फल रस के साथ। आँवला चूर्ण 5 ग्राम रात को सुपारी पाक के साथ। आँवला पानी 200 मिली़ दिन में 2 बार।
मानसिक रोग :–आँवला रस 10 ग्राम और अखरोट रात को सोने से पहले लें। आँवला चूर्ण दिन में खाना खाने के बाद। आँवला अपने आप में पूर्ण फल है, इसका प्रयोग कामोद्विपकता व मूत्र रोग में सर्वाधिक हितकारी है।
विटामिन ‘सी’ अर्थात् (एस्कार्बिक एसिड) जो शरीर की कोशिकाओं पर नियन्त्रण रखता है और संक्रमण के प्रति प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। विटामिन ‘सी’ अन्य विटामिनों के क्षरण को रोकता है तथा यह शरीर के कैल्शियम के साथ सम्पर्क कर Bone Marrow को दुरुस्त करता है।
शरीर की सामान्य आवश्यकतायें :– विटामिन ‘सी’ 60mg, विटामिन ‘डी’ 400lq, लोहा 15mg आयोडीन 2mg, जिंक 12mg ताँबा 2mg पोटेशियम 1200lq.
आँवला में पाये जाने वाले तत्व :– विटामिन ‘सी’ 600mg विटामिन ‘डी’ 190lq लोहा 4.5mg आयोडीन 0mg जिंक 0.2mg ताँबा 55mg विटामिन ‘बी’ 57 Mg
आँवले में पाये जाने वाले तत्व हमेशा जीवित रहने वाले तत्व हैं। आँवले को किसी भी परिस्थिति में रखा जाए, यह अपने तत्वों को 40 प्रतिशत तक हमेशा सुरक्षित रखता है। विभिन्न रोगों में आँवले का उपयोग :–
कब्ज :–आँवला चूर्ण 10 ग्राम रात को सोने से पहले गुनगुने पानी से लें।
एसिडिटी :–आँवला रस 20 ग्राम दिन में 2 बार खाना खाने से पहले सेवन करें।
अल्सर :– आँवला रस 5 ग्राम दिन में तीन बार खाना खाने के बाद लें।
कैन्सर रोग :–आँवला चूर्ण 10 ग्राम रात को सोने से पहले व आँवला रस 10 ग्राम दिन में 4 बार ज्वारे के रस के साथ लें।
पीलिया :–आँवला रस 10 ग्राम गन्ने के रस के साथ दिन में तीन बार सेवन करें।
मूत्र रोग :–आँवला रस 5 ग्राम दिन में 4 बार खीरे के रस के साथ लें।
नेत्र रोग :–200 मिली़ आँवला पानी सुबह खाली पेट लें व आँखों पर छींटे दें।
मोटापा :–आँवला का गर्म पानी 200 मिली़ दिन में 4 बार तथा आँवला रस 10 मिग्रा़ दिन में 3 बार अनार के रस के साथ और आँवला चूर्ण 10 ग्राम रात को सोने से पहले लें।
नपुसंकता :–आँवला चूर्ण 10 ग्राम दोपहर में दूध के साथ। रात्रि को आँवला चूर्ण 5 ग्राम तावर चूर्ण के साथ सेवन करें।
कमजोरी :–आँवला रस 5 ग्राम़ + शहद के साथ दिन में 3 बार।
सुन्दरता :– आँवला रस 10 ग्राम शहद व पानी के साथ दिन में 2 बार।
मुहांसे :–आँवला चूर्ण 5 ग्राम संतरे/गाजर के रस के साथ दिन में 2 बार।
कामोद्विपकता :–आँवला रस 10 ग्राम सुबह किसी भी फल रस के साथ। आँवला चूर्ण 5 ग्राम रात को सुपारी पाक के साथ। आँवला पानी 200 मिली़ दिन में 2 बार।
मानसिक रोग :–आँवला रस 10 ग्राम और अखरोट रात को सोने से पहले लें। आँवला चूर्ण दिन में खाना खाने के बाद। आँवला अपने आप में पूर्ण फल है, इसका प्रयोग कामोद्विपकता व मूत्र रोग में सर्वाधिक हितकारी है।